बुरा ना कहो
मत बुरा उस को कहो पर वो अच्छा भी नहीं !!
वो न होता तो ग़ज़ल मैं कभी कहता भी नहीं !!
जानता था कि सितमगर है मगर क्या कीजे
दिल लगाने के लिए और कोई था भी नहीं !!
वही होगा जो हुआ है जो हुआ करता है
मैं ने इस प्यार का अंजाम तो सोचा भी नहीं !!
हाए क्या दिल है कि लेने के लिए जाता है
उस से पैमान-ए-वफ़ा जिस पे भरोसा भी नहीं !!
तोहफ़ा ज़ख़्मों का मुझे भेज दिया करता है
मुझ से नाराज़ है लेकिन मुझे भूला भी नहीं !!
दोस्ती उस से निभ जाए बहुत मुश्किल है
मेरा तो वादा है उस का तो इरादा भी नहीं !!
Seema Priyadarshini sahay
21-Nov-2021 11:24 PM
बहुत खूबसूरत
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